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मध्यप्रदेश उपचुनाव में अवैध धन की वर्षा


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28 सीटो के उपचुनाव में कितना खर्च होगा इसका अंदाजा लगा पाना एक आम आदमी के बूते की बात नहीं है।यदि मैं कहूं कि इस चुनाव में 1000 से 2000 करोड़ रुपए खर्च हो सकते हैं! पहली नजर में यह आंकड़ा बहुत ज्यादा लग सकता है क्योंकि चुनाव आयोग के हिसाब से एक विधानसभा में एक प्रत्यासी अधिकतम 28 लाख रुपए ही खर्च कर सकता है।अर्थात एक दल के सभी 28 प्रत्यासी कुल मिलाकर 78400000 ( सात करोड़ चौरासी लाख रुपए) ही खर्च कर पाएंगे।यह चुनाव मुख्य रूप से कांग्रेस-भाजपा के बीच‌ है। कुल मिलाकर 355 प्रत्यासी मैदान में हैं इस हिसाब से यदि सभी प्रत्यासी अधिकतम खर्च 994000000 (निन्यानवे करोड़ चालीस लाख रुपए) हो सकता है।


उपचुनाव में 28 सीटों पर प्रत्याशियों की स्थिति


विधानसभा- प्रत्याशी

मेहगांव 38,सुरखी 15,मलहरा 19 ,सांची 15

ग्वालियर पूर्व 12,गोहद 15,मुरैना 15,सांवेर 13 ,जौरा 15,डबरा 14 ,पोहरी 13,अम्बाह 15,भांडेर 15,मुंगावली 13,करैरा 13,दिमनी 13,हाटपिपल्या 11,बमोरी 12,अशोकनगर 09,सुवासरा 09 ,ग्वालियर 09,अनूपपुर 12,मांधाता 08,सुमावली 09,आगर-मालवा 08 ,नेपानगर 06,ब्यावरा 08,बदनावर 03


जहां एक तरफ मेंहगांव विधानसभा में सबसे अधिक 38 प्रत्याशी है वहीं बदनावर में सबसे कम 03 प्रत्याशी हैं।


डमी प्रत्याशी उतारने का खेल भी प्रमुख दलों द्वारा खेला जाता रहा है जिससे उनके नाम पर भी चुनावी खर्च किया जा सके!


अब खास बात आज दिनांक 29 अक्टूबर प्रमुख समाचार पत्र पत्रिका में 12वें पृष्ठ पर बहुत छोटी सी खबर की जिसमें लिखा है कि उपचुनाव में अब तक 19 करोड़ रुपए की शराब, नकदी समेत अन्य सामान जब्त किया जा चुका है।इस खबर के मायने यह है कि एक दल की सभी 28 सीटों के चुनाव के चुनाव आयोग की अधिकतम खर्च सीमा का लगभग तीन गुना तो जब्त किया जा चुका है तो वास्तिविक खर्च कितना ज्यादा होगा इसका अनुमान लगाना आसान नहीं है!

सोचने वाली बात यह है कि अभी भी चुनाव की तारीख में समय बचा हुआ है।

जब्ती कितनी होती है कितनी दिखाई जाती है और वास्तिविक अपराध कितना होता है इस पर सदैव प्रश्न चिन्ह लगता रहता है!


बड़ा प्रश्न ऐ है कि इतना रुपया आता कहां से है!


क्या ऐ रुपया चुनाव लड़ रहे नेता की काली कमाई का है या अवैध धंधा करने वाले लोगों द्वारा भविष्य में अवैध कारोबार करने के लिए खनिज, शराब, भू वा अन्य माफियाओं द्वारा नेताओं के ऊपर किया गया निवेश (इन्वेस्टमेंट) है!


जो भी हो इतना कहा जा सकता है कि मध्यप्रदेश उपचुनाव में

अवैध धन की वर्षा जारी है !


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जितेन्द्र चौरसिया

नोट :- यह लेखक के अपने विचार  हैं ।  मतदान  डॉट कॉम  इस पर  कोई  राय व्यक्त नहीं करता है


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