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मध्य प्रदेश: 12 साल से कम उम्र के बच्चों के माता-पिता को टीकाकरण की प्राथमिकता

मध्य प्रदेश सरकार ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों के माता-पिता के टीकाकरण को प्राथमिकता देने का फैसला किया है, ताकि बच्चे के COVID-19 से संक्रमित होने की स्थिति में वे बच्चों की देखभाल कर सकें। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह निर्णय इस अनुमान के मद्देनजर लिया गया है कि कोरोनावायरस महामारी की तीसरी लहर बच्चों को अधिक प्रभावित करेगी।


उन्होंने गुरुवार रात जारी एक बयान में कहा, "हमने 12 साल से कम उम्र के बच्चों के माता-पिता को टीकाकरण में प्राथमिकता देने का फैसला किया है क्योंकि आशंका है कि कोरोना की तीसरी लहर उन पर सबसे ज्यादा असर डालेगी।"


इससे बच्चों की बेहतर देखभाल में मदद मिलेगी क्योंकि उनके माता-पिता संक्रमण के मामले में उनके आसपास मौजूद होंगे।"


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने महामारी की दूसरी लहर को नियंत्रण में कर लिया है, लेकिन आशंका है कि तीसरी लहर आ सकती है।


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'हमने बच्चों के लिए विशेष वार्ड बनाकर और समग्र स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत कर तीसरी लहर के बचाव कि तैयारी की है।


उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के विचार में यह भी लाया गया है कि कई बच्चे ऐसे हैं जो उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना चाहते हैं।


उन्होंने कहा, इसलिए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि ऐसे छात्रों का टीकाकरण भी प्राथमिकता के आधार पर किया जाए, ताकि वे सुरक्षित रूप से शिक्षा के लिए विदेश जा सकें।


स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि मध्य प्रदेश में गुरुवार को 846 कोरोनावायरस पॉजिटिव केस और 50 मौतें हुईं, जिससे राज्य में 7,82,945 और टोल 8,207 हो गए।

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