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आखिर वैक्सीन के नाम पर देश में क्या भ्रम फैलाया जा रहा है

भारत में दवाओं के इस्तेमाल पर नजर रखने वाली कई गैर-सरकारी संस्थाओं के संगठन 'ऑल इंडिया ड्रग एक्शन नेटवर्क' ने सरकार के इस कदम को काफी चौंकाने वाला बताया है |


आखिर वैक्सीन के नाम पर देश में क्या भ्रम फैलाया जा रहा है  covid 19

इस संगठन की सहसंयोजक ने बताया कि "तीसरे चरण के ट्रायल से जुड़े आंकड़ों के आने से पहले को-वैक्सीन को मंजूरी दिया जाना काफी चौकाने वाला कदम है और यह केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की ड्राफ्ट गाइडलाइंस का भी उल्लंघन है जो कि कोविड-19 वैक्सीन बनाने के लिए 21 सितंबर ,2020 को प्रकाशित की गई थी|"|

" इस ड्राफ्ट गाइडलाइंस में तय किया गया कि किसी भी कोविड-19 वैक्सीन का प्रभाव कम से कम 50 फीसद तक होनी चाहिए लेकिन इस मामले में को-वैक्सीन के प्रभाव के प्रतिशत से जुड़े कोई आंकड़े ही उपलब्ध नहीं है|" इसके साथ ही यह मंजूरी एक गलत मिसाल खड़ी करती है क्योंकि अभी कई दूसरी कंपनियां भी कोविड-19 वैक्सीन बना रही हैं और इस वैक्सीन को मिली मंजूरी के आधार पर अन्य कंपनियां भी तीसरे चरण के डाटा को साझा किए बिना आपातकालीन स्तर पर मंजूरी की मांग करेगी व अपनी तरफ से तर्क रखेगी कि जब यह को-वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल में है तो इसे मंजूरी क्यों दी गई और मंजूरी दिए जाने के बाद जिस तरह इसे क्लीनिकल मोड में दिया जाना है वह सब कुछ कैसे होगा।क्योंकि सरकारी अधिकारियों की ओर से किसी भी आधिकारिक दस्तावेज में क्लिनिकल ट्रायल को ठीक ढंग से परिभाषित नहीं किया गया है| कोविड-19 वैक्सीन की जानकारी की सूचना देने में भी सरकार की कमी जान पड़ती है क्योंकि केंद्रीय स्थान एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पीआईबी की ओर से जारी अपनी प्रेस विज्ञापन में स्पष्ट नहीं किया है कि को-वैक्सीन किन लोगों को और किस तरह लगाई जाएगी आखिर किस बात की जल्दबाजी है| इस वैक्सीन को मंजूरी की क्या वजह है क्योंकि इस समय किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति नजर नहीं आ रही। जबकि कोरोनावायरस के नए मरीजों की संख्या लगातार घट रही है और मौतों की संख्या में भी कमी आ रही है |भारत में वैसी स्थिति नहीं है जैसे की यूरोप व अमेरिका में है| तब भी हमारी सरकार सभी दिशा निर्देशों की अवहेलना करते हुए इमरजेंसी रिलीज की तरफ बढ़ रही हैं ऐसा करते हुए आपको सावधान होने की जरूरत है क्योंकि अगर सरकार सब कुछ ठीक ढंग से करती तो नियामक संस्था में लोगों का विश्वास काफी ऊंचा रहता है। लेकिन दिशानिर्देशों का उल्लंघन लोगों का नियामक संस्थाओं में भरोसा कम कर रहा है|


कोविड-19 को लेकर नेताओं की राय


सपा अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कोरोनावायरस गाने के ऐलान पर सियासत गरमा गई| इस बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इसमें यह कहकर तड़का लगा दिया कि यह लोग छुप कर टीका लगवा लेंगे और लोगों को भ्रम में रखेंगे उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि बीते शनिवार को अखिलेश जी ने टीके को भाजपा का बताते हुए कहा था कि वह यह टीका नहीं लगाएंगे इस बात पर नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा था टीका किसी दल का नहीं जब भी उनका नंबर आएगा वह टीका लगाएंगे गिरिराज सिंह कहते है वैक्सीन तो देश का है, वैज्ञानिक देश के हैं और आत्मनिर्भर भारत के लिए इसे अच्छा उदाहरण और कोई नहीं हो सकता|

 
 
 

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