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आज भारत आएंगे अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन, कल होगी राजनाथ सिंह के साथ अहम बातचीत


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एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच अमेरिका के रक्षा सचिव (मंत्री) लॉयड ऑस्टिन आज तीन दिनों के भारत दौरे पर पहुंच रहे हैं। बाइडन प्रशासन के किसी मंत्री का ये पहला भारत का दौरा है। इस दौरे के दौरान लॉयड ऑस्टिन भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग मजबूत करने पर विचार करेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष लॉयड जे. ऑस्टिन के बीच शनिवार को होने वाली बातचीत में, भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूती प्रदान करने के तरीके, चीन के आक्रामक तेवरों के मद्देनजर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना और अफगानिस्तान में शांति प्रकिया जैसे मुद्दे शामिल हो सकते हैं। यह जानकारी गुरुवार को मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने दी।अपनी पहली विदेश यात्रा पर जापान और दक्षिण कोरिया का दौरा कर चुके ऑस्टिन शुक्रवार को भारत पहुंचेंगे।



रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम लेने को लेकर अमेरिका पिछले काफी समय से भारत से नाराज चल रहा है लेकिन बाइडन प्रशासन के रक्षा सचिव के पहले विदेश दौरे के दौरान भारत आना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. बता दें कि अमेरिका के रक्षा सचिव (मंत्री) बनने से पहले लॉयड ऑस्टिन अमेरिकी सेना के वाइस चीफ के पद पर रह चुके हैं। ऑस्टिन ईराक और दूसरे खाड़ी देशों में तैनात अमेरिका की सेंट्रल कमान के कमांडर के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।



शनिवार का कार्यक्रम


अमेरिका के रक्षा सचिव (मंत्री) लॉयड ऑस्टिन शनिवार की सुबह सबसे पहले नेशनल वॉर मेमोरियल पर वीर सैनिकों को श्रृद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वे सीधे साऊथ ब्लॉक पहुंचेंगे, जहां उन्हें ट्राई-सर्विस (यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना) का साझा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके बाद अमेरिकी रक्षा सचिव, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस दौरान दोनों देशों के सैन्य और रक्षा प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। मीटिंग के बाद दोनों देश साझा-बयान भी जारी करेंगे।


अमेरिका के रक्षा मंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात कर सकते हैं।राष्ट्रपति जो बाइडन मंत्रिमंडल के अहम सदस्य ऑस्टिन के आगामी भारत दौरे से कुछ दिन पहले भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष नेताओं ने क्वाड सम्मेलन के दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की थी।मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच होने वाली बातचीत में क्वाड की रूपरेखा के अंतर्गत द्विपक्षीय सहयोग पर विमर्श हो सकता है।


पिछले एक वर्ष के दौरान भारत चीनी आक्रामकता का सामना कर रहा है। मई 2020 से ही चीन लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास यथास्थिति बदलने के प्रयास कर रहा है और भारत चीन द्वारा सीमा पार घुसपैठ का सामना कर रहा है। हालांकि चीन से टकराव के बीच भारत और अमेरिका के रक्षा संबंधों में तेजी देखने को मिली है। पिछले दिनों क्वाड शिखर सम्मेलन में भी चीन को घेरने की रणनीति बनाई गई। क्वाड में शामिल अमेरिका, भारत समेत चारों देशों के नेतृत्व ने दक्षिण और पूर्वी चीन समुद्र में नेविगेशन की स्वतंत्रता और बलपूर्वक शासन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की, जो मूल रूप से चीन के बारे में है।


अमेरिका रक्षा विभाग के मुताबिक, इस दौरे के दौरान लॉयड ऑस्टिन अपने समकक्ष, राजनाथ सिंह के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े नेताओं (एनएसए इत्यादि) से भारत और अमेरिका के बीच डिफेंस-पार्टनरशिप को मजबूत करने के साथ-साथ ‘एक स्वतंत्र, समृद्ध और खुले इंडो-पैसेफिक क्षेत्र और पश्चिमी हिंद महासागर’ पर चर्चा करेंगे।

 
 
 

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