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सोनिया गाँधी का राजनीति में प्रवेश

Updated: Sep 17, 2020


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श्रीमती सोनिया गांधी वर्तमान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष है । ये अमेठी (उत्तर प्रदेश) से लोकसभा सांसद भी है ।


राजनीति में प्रवेश

शुरुआत में सोनिया गांधी लोगों के सामने आए बिना और राजनीति से दूर रहकर एक गृहिणी के रूप में एक शांत जीवन व्यतीत कर रहीं थी। वह प्रधानमंत्री के रूप में अपने पति के चुनाव के दौरान भारतीय सार्वजनिक जीवन से जुड़ी हुई थीं|


1984 में, सोनिया गांधी ने पहली बार मेनका गांधी, जो अमेठी में राजीव गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रही थी, उनके खिलाफ सक्रिय रूप से चुनाव प्रचार किया। राजीव गांधी ने चुनाव जीता और भारत के प्रधानमंत्री बन गए। वे 1997 में कांग्रेस पार्टी में प्राथमिक सदस्य के तौर पर जुड़ी और महज 62 दिनों के अंदर ही 1998 में वह कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी गई, और साल 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली भा.ज.पा-एन.डी.ए सरकार के कार्यकाल के दौरान उन्हें नेता विपक्ष के रुप में चुना गया। ये 13वी लोकसभा कार्यकाल में एन.डी.ए के विरुद्ध विपक्ष नेता के तौर चुनी गई । कई बार देखा जाता है विपक्ष द्वारा इनकी हिंदी को लेकर तंज कसे जाते है परन्तु ये बेबाकी से उन सभी का सामना कर जवाब भी देती है|


कांग्रेस का गठबंधन

साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने गठबंधन के साथ सरकार बनाई। वहीं इस दौरान फिर से सोनिया गांधी को पीएम के रुप में देश का नेतृत्व करने के लिए चुना गया, हालांकि इस दौरान विदेशी मूल के होने के कारण उन्हें काफी विरोध का भी सामना पड़ा, जिसकी वजह से उन्होंने खुद पीएम नहीं बनने का फैसला लिया, और इस महत्वपूर्ण पद पर महान अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह जी को देश के नेतृत्व के लिए पीएम के रुप में चुना। इसी साल सोनिया जी को राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का अध्यक्ष भी बनाया गया और इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना लागू कर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


साल 2009 में कांग्रेस पार्टी फिर से सत्ता में आई और इस बार भी मनमोहन सिंह जी को प्रधानमंत्री के रुप में नियुक्त किया गया। साल 2010 में सोनिया गांधी जी को फिर से राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्ष के रुप में नियुक्त किया गया और साल 2014 तक वे इस पद पर अपनी सेवाएं देती हैं| साल 2019 में भी हुए आम चुनावों में जब कांग्रेस को हर तरफ से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन ऐसे में सोनिया गांधी ने रायबरेली में अपनी जीत बरकरार रखी।


सोनिया गांधी की उपलब्धियां

  • साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश की अमेठी और कर्नाटक की बेल्लारी दोनो सीटों पर जीत दर्ज की। बेल्लारी में सोनिया जी ने बीजेपी की कद्दावर नेता स्वर्गीय सुषमा स्वराज को हराकर जीत दर्ज की थी।

  • साल 2003 में सोनिया गांधी ने एक विपक्ष के नेता के रुप में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया।

  • सोनिया गांधी के नाम अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस पार्टी की सबसे लंबे समय तक सेवा करने का रिकॉर्ड दर्ज है।

सोनिया गांधी द्वारा लिखी गई पुस्तकें

  • ‘टू एलोन, टू टूगेदर।

सोनिया गांधी पर लिखी गई पुस्तकें

  • ‘सोनिया गाँधीः एन एक्स्ट्राऑर्डिनरी लाइफ एन इंडियन डेस्टिनी’

  • ‘सोनिया: ए बायोग्राफी’

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