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क्या अब केंद्र सरकार चुनाव आयोग और ईवीएम को हैक करना चाहती है

चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है ,जो भारत में सभी प्रकार के चुनाव कराने का अधिकार रखता है |इसमें एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्त होते हैं |मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 साल होता है तथा अन्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 62 साल होता है|

ईवीएम क्या है

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ईवीएम का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है |यह एक ऐसा मशीन है जिससे कि कई मतदाता अपना मत किसी भी पॉलीटिकल पार्टी को दे सकता है |इस मशीन में अलग-अलग प्रतिनिधियों के नाम से अलग-अलग बटन होते हैं |


क्या ईवीएम मशीन हैक की जा सकती है


एक अमेरिकी हैकर ने दावा किया है कि साल 2014 के चुनाव में मशीनों को हैक किया गया था इस चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की थी भारत के चुनाव में 16 लाख ईवीएम मशीनें इस्तेमाल की जाती है और ऐसी हर एक मशीन में ज्यादातर 2000 मत डाले जाते हैं |चुनाव आयोग के मुताबिक यह मशीनें और इनमें दर्ज रिकॉर्ड्स को किसी भी बाहरी समूहों के साथ नहीं बांटा जाता ईवीएम के साथ मशीन फर्जी मतों को अलग कर देती है जिससे ऐसे फोटो को गिनने में लगने वाले समय और खर्च में काफी कमी आ गई है अर्थात उसे गिनने में ज्यादा समय की बर्बादी नहीं करनी पड़ती |

चुनाव आयोग इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के पूरी तरह सुरक्षित होने का दावा करते आए हैं लेकिन समय-समय पर इन मशीनों के हैक होने की आशंका है सामने आती रही हैं |

कुछ साल पहले अमेरिका की मिशीगन यूनिवर्सिटी से जुड़े वैज्ञानिकों ने एक डिवाइस को मशीन से जोड़ कर दिखाया था कि मोबाइल से संदेश भेजकर मशीन के नतीजों को बदला जा सकता है हालांकि भारत की संस्थाओं ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि मशीन से छेड़छाड़ करना तो दूर ऐसा करने के लिए मशीन हासिल करना ही मुश्किल है मैसाच्यूसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एक विशेषज्ञ बोलते हैं कि लाखों वोटिंग मशीनों को हैक करने के लिए काफी ज्यादा धन की जरूरत होगी और ऐसा करने के लिए इस काम में मशीन निर्माता और चुनाव करने वाली संस्था का शामिल होना जरूरी है |वायरलेस हैकिंग करने के लिए मशीन में एक रेडियो रिसीवर होना चाहिए जिसमें एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट और एंटीना होता है, चुनाव आयोग का दावा है कि भारतीय वोटिंग मशीनों में ऐसा कोई सर्किट एलिमेंट नहीं है अर्थात व्यापक स्तर पर है कि करना लगभग नामुमकिन होगा |


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असम ईवीएम मामले में चार अधिकारी सस्पेंड


भारत निर्वाचन आयोग ईवीएम आयोग के चार अधिकारियों को असम ईवीएम मामले में सस्पेंड कर दिया है चुनाव आयोग का कहना है कि परिवहन प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के लिए पीठासीन अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है |साथ ही PO और तीन अन्य अधिकारियों को निलंबित किया गया है और केंद्र पर दोबारा मतदान कराने का आदेश दिया है|


असम ईवीएम घोटाले में क्या भाजपा भी शामिल है


चुनाव आयोग को भाजपा विधायक की गाड़ी में ईवीएम में ले जाने की बात सामने आई है |असम में पोलिंग पार्टी की गाड़ी खराब हो गई थी उसके बाद पीठासीन अधिकारी ने भाजपा विधायक के गाड़ी में लिफ्ट लेने की बात कही गई है |चुनाव आयोग के मुताबिक ,लिफ्ट लेकर जब भाजपा विधायक की गाड़ी से पोलिंग पार्टी लौट रही थी तभी स्थानीय लोगों ने देख लिया और गाड़ी रोकवा लिया|

पोलिंग पार्टी के सदस्यों को स्थानीय लोगों ने गाड़ी से निकाल दीया और भीड़ क्रोधित भी होने लगी|


प्रियंका गांधी ने साधा चुनाव आयोग पर निशाना कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस मामले में सीधा चुनाव आयोग पर निशाना साधा है उनका कहना है कि कार के साथ ना तो चुनाव आयोग का कोई अधिकारी था, ना ही कार के अंदर कोई सुरक्षा थी और ईवीएम सही सलामत है ,उसका सील भी नहीं टूटा है यह वोटिंग में इस्तेमाल हुई थी |हर बार ईवीएम मामले में भाजपा का ही नाम सामने आता देख सभी की उंगलियां भाजपा की ओर उठती दिखाई दे रही हैं|

 
 
 

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