विधानसभा: आम नागरिक के सवाल ( सतवी कड़ी )
- Rahul Dubey
- May 9
- 5 min read
प्रस्तुत करते हैं एक सीरीज जिसमें मध्य प्रदेश विधान सभा के विभिन्न सत्रों में हुई चर्चाओं, प्रश्नों एवं उनके उत्तरों का आम नागरिक के सरोकार स्पष्ट होता है।
ये सवाल मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष द्वारा उठाए गए हैं। इस प्रश्नोत्तरी को आम नागरिक के लिए जानना जरूरी हैं। क्यों जरूरी हैं? क्योंकि ये सवाल हमारे द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों से पूछे गए हैं। सीधे शब्दों में कहें तो ये सवाल हमारे ही हैं! हमें यह जानना चाहिए कि जिन नेताओं को हमने चुना, क्या वे हमारी उम्मीदों पर खरे उतरे हैं या नहीं? आइए, मिलकर इन सवालों के जवाब तलाशें।
इस सीरीज कि सतवी कड़ी में श्री हेमंत सत्यदेव कटारे जी जो भिंड जिले की अटेर विधानसभा क्षेत्र के विधायक और मध्य प्रदेश सरकार के विपक्ष के उपनेता भी हैं, उनके द्वारा किए गए प्रश्नों को जानने का प्रयास करते हैं - नेता प्रतिपक्ष का प्रश्न (क्र. 1456) क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा को अनुकंपा नियुक्ति देने संबंधी परिवहन आयुक्त कार्यालय के आदेश क्र. 6084/स्था./ टीसी/16, दिनांक 29.10.2016 की छायाप्रति व आदेश प्रतिलिपि के बिन्दु क्र. 2 में निज सहायक, परिवहन मंत्री को मंत्री की जिस नोटशीट दिनांक 14.09.2016 के संदर्भ में सूचनार्थ प्रेषित किया गया है, उस नोटशीट की छायाप्रति सहित इस अनुकंपा नियुक्ति संबंधी प्रकरण की संपूर्ण नस्ती की छायाप्रति उपलब्ध करायी जाये। (ख) क्या परिवहन विभाग में आरक्षक की भर्ती के लिये परिवहन मंत्री को कोई शक्तियां या अधिकार प्रदान किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्या परिवहन मंत्री ने जिस सौरभ शर्मा की नियुक्ति में कलेक्टर ग्वालियर के पत्र क्रमांक क्यू/2-ख/स्था./6-2/27/2016/10877, दिनांक 12/08/2016 में स्वतः संज्ञान लेकर अभिमत मांगा, उसका क्या आधार था जबकि वह पत्र मंत्री को प्रेषित नहीं किया गया था? क्या यह मंत्री जी द्वारा सीधे हस्तक्षेप करके सौरभ शर्मा की नियुक्ति में सहायता की गई? उसकी जाँच की गई या नहीं? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रतियां एवं कलेक्टर ग्वालियर के पत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराई जाये। (ग) आवेदक सौरभ शर्मा का अनुकंपा नियुक्ति संबंधी आवेदन/प्रकरण परिवहन आयुक्त, म.प्र. को किस माध्यम से कब प्राप्त हुआ, जिसे परिवहन आयुक्त के पत्र क्र.4349/स्था/टीसी/16, दिनांक 15.02.2016 द्वारा कलेक्टर, जिला ग्वालियर को किन नियमों के तहत परिवहन आरक्षक पद पर अनुकंपा नियुक्ति की अनुशंसा करने हेतु प्रेषित किया? बताएं। परिवहन आयुक्त के उक्त पत्र की छायाप्रति सहित कलेक्टर, ग्वालियर द्वारा परिवहन आयुक्त को भेजे पत्र क्र. क्यू/2020/स्था/16-2/27/2016 ए 10876, दि. 12.08.2016 की छायाप्रति भी उपलब्ध करायी जाये। कलेक्टर ग्वालियर द्वारा प्रकरण में अनुकंपा नियुक्ति सबंधी परिपत्र सी-12/2013/1/3 दिनांक 29.09.2014 के नियम 8.1 अनुसार आवेदक को संविदा शाला शिक्षक के पद पर नियुक्ति कार्यवाही न कर विभाग विशेष के विशेष पद परिवहन आरक्षक प्रकरण परिवहन आयुक्त को किन परिस्थितियों में लौटाया गया? पूर्ण जानकारी दी जाये। (घ) सौरभ शर्मा के भाई शासकीय सेवक होते हुये भी सौरभ शर्मा को नियुक्ति दी गई, जो कि नियमों के विपरीत है? यदि हाँ, तो किन कारणों से और जो उनके द्वारा झूठा शपथ पत्र दिया गया, क्या उस शपथ पत्र का परीक्षण करना विभागीय अधिकारियों के दायित्व नहीं हैं? यदि हाँ, तो किन विभाग के अधिकारियों द्वारा परीक्षण किया गया एवं उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या सौरभ शर्मा की अनुकंपा नियुक्ति के लिये स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पद नहीं था? यदि हाँ, तो सौरभ शर्मा को संविदा शाला शिक्षक के पद पर पदस्थ किया जाना था? यदि हाँ, तो शिक्षक क्यों नहीं बनाया गया? कारण बतायें। साथ ही सौरभ शर्मा की अनुकंपा नियुक्ति के लिये म.प्र. शासन के इतने विभागों में से परिवहन विभाग ही क्यों चुना गया? इसके क्या-क्या आधार हैं? आधार की छायाप्रतियां उपलब्ध कराई जाये।

इन प्रशन्नो पर उन्हे प्राप्त उत्तर इस प्रकार है: परिवहन मंत्री (श्री उदय प्रताप सिंह): (क) सौरभ शर्मा की अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित मूल अभिलेख परिवहन आयुक्त के पत्र क्रमांक 600/प्रर्व. स्था-3/टीसी/2025 ग्वालियर, दिनांक 06.02.2025 के द्वारा विशेष उप पुलिस अधीक्षक वि.पु.स्था., लोकायुक्त कार्यालय भोपाल, संभाग भोपाल की ओर प्रेषित किया गया है। परिवहन आयुक्त में मूल नस्ती एवं नोटशीट की सुरक्षित रखी गई छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) जी नहीं। विभाग में परिवहन आरक्षक की नियुक्तियां परिवहन विभाग के अर्ती नियम 2011 (संशोधित नियम 2014) के प्रावधान के अनुसार की जाती हैं। जी नहीं। तत्कालीन परिवहन मंत्री द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति में सीधे हस्तक्षेप कर सौरभ शर्मा की नियुक्ति में सहायता नहीं की गई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कलेक्टर ग्वालियर के पत्र क्रमांक क्यू/2-ख/स्था./6-2/27/16/10877 दिनांक 12/08/2016 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ग) आवेदक सौरभ शर्मा का नियुक्ति संबंधी आवेदन/प्रकरण परिवहन आयुक्त कार्यालय, म.प्र. को कलेक्टर, ग्वालियर के माध्यम से दिनांक 12.08.2016 को प्राप्त हुआ। प्रश्न में उल्लेखित पत्र दिनांक 15.02.2016 को परिवहन आयुक्त द्वारा कलेक्टर, ग्वालियर को कोई अनुसंशा पत्र प्रेषित नहीं किया गया। कलेक्टर, ग्वालियर द्वारा परिवहन आयुक्त को भेजे गये पत्र क्र. क्यू/2020/स्था/16-2/27/2016 ए 10876, दिनांक 12.08.2016 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है। म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के परिपत्र क्रमांक सी-12/2013/1/3 दिनांक 29.09.2014 की कंडिका 5.2 के तहत परिवहन विभाग में आरक्षक के पद पर भी अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है। परिपत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "द" अनुसार है। (घ) सौरभ शर्मा के अनुकम्पा नियुक्ति हेतु प्राप्त प्रस्ताव के साथ प्रस्तुत आवेदन एवं शपथ पत्र में इस तथ्य की जानकारी नहीं दी गई थी कि उनका कोई सदस्य शासकीय सेवा में है। शपथ-पत्र पर जब तक कोई आपत्ति अथवा तत्सम्बधी कोई विपरीत तथ्य संज्ञान में न आ जाये, परीक्षण किया जाना अपेक्षित नहीं है। तत्समय शपथ पत्र में दी गई जानकारी झूठी होने सम्बंधी कोई आपत्ति एवं तथ्य प्रस्तुत न होने के कारण विभागीय अधिकारियों दद्वारा परीक्षण किए जाने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) स्वास्थ्य विभाग द्वारा पद रिक्त न होने संबंधी प्रमाणीकरण दिये जाने एवं कलेक्टर ग्वालियर द्वारा परिवहन विभाग को प्रस्ताव भेजे जाने के अनुक्रम में सौरभशर्मा की अनुकंपा नियुक्ति म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के जाप क्रमाक सी-12/2013/1/3 दिनांक 29.09.2014 के प्रावधानों के तहत की गई है। परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "द" अनुसार है।
जाहीर है कि सवाल एवं उसके जवाब पेंचीदा हैं। इनको आसान भाषा में समझना आवश्यक है।
सवाल : - क्या परिवहन मंत्री यह स्पष्ट करेंगे कि पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा की अनुकंपा नियुक्ति किस प्रक्रिया और नियमों के तहत की गई, जब उनके भाई पहले से शासकीय सेवा में थे और आवेदन में जानकारी गलत दी गई थी? क्या मंत्री ने सीधे इस प्रकरण में हस्तक्षेप किया, जबकि नियुक्ति से संबंधित पत्र उन्हें संबोधित नहीं था? आवेदन परिवहन विभाग तक कैसे पहुँचा और किन नियमों के तहत कलेक्टर द्वारा अनुशंसा की गई? क्या स्वास्थ्य विभाग या शिक्षा विभाग में पद रिक्त नहीं थे और परिवहन विभाग को ही क्यों चुना गया? इस प्रकरण से जुड़ी सभी फाइलों, पत्रों और जांच रिपोर्ट की प्रतिलिपियाँ मांगी गई हैं।
जवाब :-सौरभ शर्मा की अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित मूल अभिलेख लोकायुक्त कार्यालय को भेजे जा चुके हैं और उसकी प्रतिलिपियाँ पुस्तकालय में सुरक्षित हैं। नियुक्ति म.प्र. शासन के परिपत्र दिनांक 29.09.2014 और परिवहन विभाग के संशोधित भर्ती नियम 2014 के अनुसार की गई है। मंत्री द्वारा इस प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। सौरभ शर्मा का आवेदन कलेक्टर ग्वालियर के माध्यम से प्राप्त हुआ था और स्वास्थ्य विभाग में पद रिक्त न होने की स्थिति में कलेक्टर द्वारा प्रस्ताव परिवहन विभाग को भेजा गया। शपथ पत्र में गलत जानकारी दिए जाने का कोई प्रमाण नहीं मिला और कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई थी, इसलिए कोई जांच आवश्यक नहीं समझी गई। सभी संबंधित दस्तावेज पुस्तकालय के परिशिष्टों में संलग्न हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष ने कुछ महत्वपूर्ण सवाल उठाए—सवाल जो आम जनता की समस्याओं और उनकी उम्मीदों से जुड़े हैं। लेकिन क्या इन सवालों के जो जवाब मिले, वे आपको संतुष्ट करते हैं? हमें अपने जवाब editor@matdaan.com में प्रेषित करें।
लेखक- राहुल दुबे
संबंधित जानकारी हेतु - मध्य प्रदेश विधानसभा ,प्रश्नोत्तरी – सूची ,मार्च 2025 सत्र, गुरुवार दिनांक 13 मार्च 2025 , तार्किक प्रश्न उत्तर ।
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