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समय से पहले खत्म हो सकता है मॉनसून सत्र


काँग्रेस लीडर राहुल गांधी का सरकार से दोहरा दोहरा कर एक ही सवाल है कि ,”क्या सरकर ने पेगासस स्पाइवेर खरीदा? हाँ या ना।”


इस पेगासस के मुद्दे को अभी तक मॉनसून सत्र में दो हफ्ते हो चुके हैं। जब भी इस मुद्दे पर बात आती है मोदी सरकार इस मुद्दे पर चर्चा नहीं चाहती है।


दूसरा सवाल ये है कि, “क्या सरकार ने अपने देश्वसियों, अपने भारतवासियों के खिलाफ किया पेगासस हथियार का इस्तेमाल?”


पेगासस जासूसी कांड पर सरकार और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हो रहा है। इस मुद्दे पर हो रहे हंगामे की वजह से सदन पिछले दो सप्‍ताह में एक भी दिन पूरी तरह से नहीं चल सका है। इस मुद्दे पर जहां विपक्ष लगातार बहस की मांग कर रहा है वहीं सरकार इसको मना कर रही है। सरकार का कहना है कि विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है, लिहाजा जनता से जुड़े मुद्दों पर बहस की जानी अधिक सार्थक है। लेकिन दो सप्‍ताह से चल रहे गतिरोध की वजह से सरकार को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है।


संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हुआ था। लेकिन तब से लेकर अब तक दोनों सदनों में कुल 107 घंटों के कामकाजी में महज 18 घंटे ही कार्यवाही सुचारू रूप से चल सकी है। सरकार की दी गई जानकारी के मुताबिक इसकी वजह से सरकार को 133 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।


लोकसभा के 54 घंटों के कामकाजी समय में केवल सात घंटे ही सदन चला है। वहीं राज्‍य सभा के 53 घंटों के कामकाजी समय में केवल 11 घंटे ही सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सकी है। इसको देखते हुए सरकार मानसून सत्र को समय से पहले खत्‍म करने की तैयारी कर रही है।



मॉनसून सत्र की कल की घटनाएँ:-


  • राज्‍य सभा की कार्यवाही शुरू होते ही सबसे पहले बेडमिंटन में कांस्‍य जीतने के लिए पीवी सिंधु को बधाई दी गई।

  • विपक्ष के हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्‍थगित कर दिया गया है।

  • कांग्रेस के सांसद ने मनीष तिवारी ने पेगासस जासूसी कांड पर चर्चा के लिए सदन में नोटिस दिया है। उन्‍होंने कहा कि ये एक महत्‍वपूर्ण विषय है जिस पर चर्चा जरूरी है। उन्‍होंने आरोप लगाया है कि सरकार ने इसका उपयोग पत्रकारों, सिविल सोसायटी एक्टिविस्‍ट, राजनेताओं और सुप्रीम कोर्ट के जजों की जासूसी के लिए किया है।

  • इसी तरह का एक और नोटिस कांग्रेस के ही सांसद मनिकम टैगोर ने भी लोकसभा में दिया है। उन्‍होंने मांग की है कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की मौजूदगी में बहस की जानी चाहिए।

  • राज्‍य सभा में भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सीपीआईएम के सांसद इलमराम करीब ने नोटिस दिया है। उन्‍होंने इस संबंध में नियम 267 का हवाला देते हुए कहा है कि पेगासस पर चर्चा की जानी चाहिए।

  • पेगासस जासूसी कांड के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए विपक्ष की रणनीति को लेकर सभी विपक्षी पार्टियों की एक बैठक भी हुई है। इसमें इस बारे में विचार विमर्श किया गया है।

  • कांग्रेसी सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि ये सरकार के हाथ में है कि वो सदन को चलने देना चाहती है या नहीं। सरकार पूरी तरह से बेनकाब हो चुकी है। यदि पेगासस पर चर्चा होती है तो उसकी छवि खराब हो जाएगी। वो केवल इस पर बहस के लिए कह ही रही है, लेकिन इससे भाग रही है। वो केवल ऐसे ही सदन को चलाना चाहती है।

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